प्रकृति की गोद में# शॉर्ट स्टोरी चैलेंज # स्त्री विमर्श
# शॉर्ट स्टोरी चैलेंज
अहाना को बचपन से ही पेड़ पौधों का बहुत शौक था। वह उत्तरप्रदेश के गाँव में रहता थी। उसका घर हाइवे के बहुत नज़दीक था। दादा के पास बहुत ज़मीन थी। बहुत बड़ा घर बनाने के बाद भी काफी ज़मीन खाली पड़ी थी। अहाना ने वहां पर पेड़ की पौध लगानी शुरू की। शुरू में घर के लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे।
"क्या सारा दिन इन पेड़ - पौधों में ही उलझी रहती है। कुछ पढ़ाई लिखाई भी कर लिया कर, घर का काम काज सीख ले। शादी के बाद ये सब काम नहीं आएगा।"
देखते- देखते अहाना बड़ी होने लगी और साथ ही उसका बनाया बगीचा भी बढ़ता चला गया। पेड़ों के साथ- साथ फूलों से लदे गमले भी उस बगीचे की शोभा बढ़ाते थे। जब भी घर में कोई पार्टी होती तो आहाना के बगीचे में ही होती। उसने सभी पेड़ों के तनों को लाइट से सजा रखा था। रात में उसका बगीचा अलग से ही चमकता था।
पढ़ाई खत्म होने के बाद आहाना के पिता उसकी शादी करना चाहते थे। पर अहाना कुछ और ही करना चाहती थी। उसने जब अपने पिता के सामने अपने विचार रखे तो उसके पिता ने बिगड़ते हुए कहा,
"पागल हो गयी हो तुम? ये शौक हमारे पैसे डुबो देगा बस। नहीं नहीं मैं इज़ाजत नहीं दूंगा। नौकरी होती तो एक बार को मान भी लेता, लेकिन….ये बगीचा तुझे क्या देगा?"
"पापा, आप फ़िक्र ना करें। अब मैं इस बगीचे से ही आपको कमा कर दिखाऊंगी। बस मुझे एक साल दे दीजिए।" अहाना ने अपने पिता को समझाते हुए कहा।
अहाना की यह राह आसान नहीं थी। मुश्किलों से भरी थी। रिश्तेदारों ने ताने सुनाए। पड़ोसियों ने भी खूब बातें बनाईं। पर अहाना के इरादे को कोई कमज़ोर नहीं कर पाया।
देखते ही देखते अहाना ने अपने बगीचे में एक ओपन रेस्टोरेंट खोल लिया। क्योंकि उसका घर हाइवे के बहुत नज़दीक था और आसपास कोई ढाबा भी नहीं था इसलिए उसका रेस्टोरेंट चल पड़ा।
"प्रकृति की गोद में" ये उसके रेस्टोरेंट का नाम था। चारों ओर खूबसूरत फूल और पेड़ों के बीच घिरा रेस्टोरेंट सबको पसंद आने लगा। उसके रेस्टोरेंट का नाम चल पड़ा। उसने साथ ही लोगों को प्रकृति से जुड़े रखने के लिए बहुत से पेड़ों के बॉनसाए बनाए। और उन्हें भी अपने रेस्टोरेंट में बेचना प्रारंभ किया।
साथ ही उसने बगीचे के एक क्षेत्र को पिकनिक स्पॉट भी बना दिया। वहां कोई भी फैमिली बुकिंग कर पेड़ों की छांव में बैठकर पिकनिक का आनंद ले सकती थी। साथ ही बच्चों के लिए झूले भी थे।
अब अहाना को इस रेस्टोरेंट से अच्छी आमदनी होने लगी। उसका नाम मशहूर हो गया। उसके माता-पिता, पड़ोसी और रिश्तेदार सब अब उसका लोहा मानने लगे। अपने दिमाग और प्रकृति के आशीर्वाद से उसने ये कामयाबी हासिल की थी।
अहाना को बैस्ट ओपन रेस्टोरेंट ऑफ द ईयर के पुरस्कार से सरकार ने नवाज़ा। इस तरह अहाना नेसब को ग़लत साबित कर दिया कि लड़कियां अच्छी बिजनेस वूमन नहीं बन सकतीं। बिल्कुल बन सकती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण अहाना है।
🙏
आस्था सिंघल
Seema Priyadarshini sahay
14-May-2022 05:38 PM
वाह👏👏
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Shnaya
13-May-2022 10:02 PM
Very nice 👍🏼
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Reyaan
13-May-2022 07:37 PM
Very nice
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